लेखमंथ प्रतियोगिताःःबचपन
लेखमंथ प्रतियोगिता ःः बचपन (लेख )
मेरी कुछ खूबसूरत यादें
बचपन हर किसी को बहुत प्यारा होता है।हम हर किसी के पास बचपन से जुड़ी अनगिनत खूबसूरत यादें होती हैं।
सच कहूं तो कुछ ऐसी ही यादें हमें सारी उम्र जीने की प्रेरणा भी देती हैं।
मैं अपने बचपन की एक याद यहां सबसे साझा कर रही हूं।
मेरे घर के पीछे एक बहुत बड़ा बागान था,जहां आम,अमरूद आदि के बड़े बड़े पेड़ लगे थे।
हमारा वार्षिक परीक्षा दिसंबर में होता था।और रिजल्ट भी दिसंबर में ही आ जाता था।उसके बाद दस पंद्रह दिनों की छुट्टी मिल जाती थी।
एक स्कूल बंद होने और नए क्लास में प्रोमोट किए जाने की खुशी..!!,उसपर नववर्ष का आगमन.. और इसके लिए दोस्तों के संग पिकनिक की तैयारी।
हाँ, तो मैं कह रही थी कि अपने बागान में हम आठदस लड़कियों का जमावड़ा होता था।बड़ी मेहनत से अपने मतलब का कुछ हिस्सा बहुत ही अच्छी तरह से साफ करते थे।उसमें मिट्टी और गोबर का घोल बना कर लीपते ।जब वह सूख जाता तब उसकी खूबसूरती देखते ही बनती थीं।
एक साइड में तीन चार ईंटों को जोड़कर चूल्हा बनाते थे।हमारे ग्रुप की थोड़ी बड़ी लड़कियाँ खाना का जिम्मेदारी ले लेतीं, कुछ सब्जी भाजी काटने का।
पूरे मुहल्ले सेदो-दो रूपये लेकर जमा करते।फिर पूड़ी सब्जी बनाने में सारा दिन लगा देते।
वो पूरी-सब्जी जैसी स्वादिष्ट जलपान बस मेरी यादों में ही कैद है।
बहुत याद आता है अपना वो बचपन... वो अठखेलियाँ.. और उन्मुक्त उड़ान..!!
****
सीमा प्रियदर्शिनी सहाय